जहाँ समाज का अपना राज है, समाज के लिए है, समाज से है - निराला बिदेसिया
ग्राम स्वराज का जादुई काढ़ा - सोपान जोशी
राज्य का प्रतिरोध, स्वराज का साधारण आधार - शुभनीत कौशिक
“ग्राम स्वराज आदिवासी परंपरा है. पेसा कानून इसकी आधुनिक कुंजी है.” - रश्मि कात्यायन
पंचायती राज: ३० साल में कितना मजबूत हुआ लोकतंत्र? - सी आर बिजॉय